कालसर्प योग का विचार करनेसे पहले राहू केतू का विचार करना आवश्यक है| राहू सर्प का मुख माना गया है| तो केतू को पुँछ मानी जाती है| इस दोग्रहोंकें कारण कालसर्प ..
महामृत्युंजय मंत्र सभी प्राचीन संस्कृत मंत्रों में सबसे अधिक शक्तिशाली है। इस एक मंत्र के कई नाम और रूप है। इसे रुद्र मंत्र भी जाता है। ये शिव के उग्र पहलू को दर्शाता है। त्र्यंबक..
पितरों की प्रसन्ता के लिये धर्म के नियमानुसार हविष्ययुक्त पिंड प्रदान आदि कर्म करना ही श्राध्द कहलाता है। श्राध्द करने से पितरों कों संतुष्टि मिलती है और वे सदा प्रसन्न रहते हैं और वे ..
पंडित . दीपक शास्त्रीजी त्र्यंबकेश्वर मे रहते है । पंडित संपूर्ण पूजाविधी शास्त्रोक्त और वेदोक्त तरीकेसे करवा लेते है ।ब्रम्ह, विष्णु, महेश विशेष रूप से एक ही स्थान पर है ,इसीलिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।