पंचांगों के पांच अंग : तिथी , वार, नक्षत्र, योग, और करण ये मिलके पंचांग की निर्मिती होती है|
अगर किसी जातक का जन्म कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी या अमावस्या या शुक्ल पक्ष की प्रति पक्ष में होता है, तो उस जातक को इसका दोष लगता है| अत: इन कारणों के कारणों से शांती पूजा आवश्यक है|